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वेदिक ज्योतिष क्या है? R.H. Soni गुरुजी के अनुसार जानिए इसका वैज्ञानिक और आध्यात्मिक रहस्य

प्रस्तावना: क्यों वेदिक ज्योतिष आज भी प्रासंगिक है?

ज्योतिष केवल भविष्यवाणी नहीं, आत्मा की दिशा है।” – R.H. Soni Guruji

वेदिक ज्योतिष (Vedic Astrology), जिसे पारंपरिक रूप से ज्योतिष शास्त्रकहा जाता है, वैदिक ज्ञान की पाँचवीं आंख मानी जाती है। हजारों वर्षों पुरानी यह विद्या आज के युग में भी उतनी ही सटीक और प्रासंगिक है, जितनी किसी आधुनिक विज्ञान की खोज।

आज Google पर हर महीने लाखों लोग “kundli analysis”, “mangal dosha remedies”, “career astrology”, “marriage prediction by date of birth”, “gemstone for wealth”, “vedic astrology in hindi”, जैसे कीवर्ड्स खोजते हैं यह इस बात का प्रमाण है कि आधुनिक जीवन में भी वेदिक ज्योतिष की माँग बढ़ती ही जा रही है।

वेदों में ज्योतिष की उत्पत्ति

 

वेदिक ज्योतिष की उत्पत्ति ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद और अथर्ववेद जैसे प्राचीन ग्रंथों में हुई है। ज्योतिषशब्द संस्कृत से आता है: “Jyoti” (प्रकाश) + “Isha” (ईश्वर), जिसका अर्थ है ईश्वर का प्रकाश

बृहज्जातक’ (वराहमिहिर), ‘फलदीपिका’ (मंथरेश्वर), और जातक पारिजात’ (वैकुण्ठाचार्य) जैसे ग्रंथ इस शास्त्र की रीढ़ हैं। R.H. Soni गुरुजी भी अपनी परामर्श में इन ग्रंथों का हवाला देकर समाधान देते हैं।

🌌 वेदिक ज्योतिष और ग्रहों की भूमिका

वेदिक ज्योतिष के अनुसार 9 ग्रह (नवग्रह) — सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शुक्र, शनि, राहु और केतु जीवन के हर पहलू को प्रभावित करते हैं। इन ग्रहों की स्थिति जन्म कुंडली (Janam Kundli) में देखी जाती है, जो आपके कर्म, स्वभाव, विवाह, करियर, स्वास्थ्य और आध्यात्मिक विकास को दर्शाती है।

🔍 कुंडली विश्लेषण: आपकी आत्मा का नक्शा

जन्म कुंडली (Natal Chart) केवल ग्रहों की स्थिति नहीं, बल्कि आपके पूर्व जन्मों के कर्मों का संकेत होती है। R.H. Soni Guruji कहते हैं:

कुंडली वो ब्रह्मांड है जो आत्मा के साथ आया है इसे समझकर आप भाग्य को दिशा दे सकते हैं।

एक सटीक कुंडली विश्लेषण से यह जाना जा सकता है:

विवाह में देरी क्यों हो रही है?

करियर में बाधा किस ग्रह के कारण है?

कौनसा रत्न जीवन बदल सकता है?

संतान प्राप्ति या संतान में परेशानी क्यों है?

शत्रु, कोर्ट केस या कर्ज क्यों परेशान कर रहे हैं?

 

 

ग्रह दोष और उनके उपाय

1. मंगल दोष (Mangal Dosh):

यदि मंगल 1, 4, 7, 8, 12वें भाव में हो तो विवाह में बाधा आती है।
उपाय: मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ, लाल मूंगा धारण करना।

2. शनि की साढ़ेसाती (Shani Sade Sati):

जब शनि चंद्र के तीनों घरों से गुजरता है तो यह 7.5 साल की कठिन परीक्षा होती है।
उपाय: शनिवार को शनि स्तोत्र, काले तिल का दान, शनि रत्न (नीलम)

3. कालसर्प योग (Kaal Sarp Yog):

जब सभी ग्रह राहुकेतु के बीच आ जाएं।
उपाय: त्र्यंबकेश्वर या उज्जैन में विशेष पूजा, नाग पंचमी के दिन रुद्राभिषेक।

4. पितृ दोष (Pitru Dosh):

पूर्वजों की आत्मा की अशांति से उत्पन्न होता है।
उपाय: श्राद्ध, पिंडदान, गाय को रोटी खिलाना।

R.H. Soni Guruji अपने यूट्यूब चैनल और व्यक्तिगत परामर्श में इन दोषों के सरल और सटीक उपाय बताते हैं, जिन्हें लाखों लोग फॉलो कर रहे हैं।

 

 

 

रत्न और उपाय: ग्रहों को संतुलन देने का रहस्य

 

 

रत्नों (Gemstones) का वेदिक ज्योतिष में विशेष स्थान है। ये न केवल ऊर्जा संतुलित करते हैं, बल्कि जीवन की दिशा भी बदल सकते हैं।

ग्रह रत्न लाभ
सूर्य माणिक्य नेतृत्व, आत्मविश्वास
चंद्र मोती मानसिक शांति
मंगल मूंगा ऊर्जा, साहस
बुध पन्ना बुद्धि, वाणी
गुरु पुखराज विवाह, संतान
शुक्र हीरा प्रेम, विलासिता
शनि नीलम करियर, न्याय
राहु गोमेद भ्रम से मुक्ति
केतु लहसुनिया आध्यात्मिकता

Vikram Soni जी (R.H. Soni के सुपुत्र) एक अनुभवी Astro-Gemologist हैं जो कुंडली देखकर व्यक्ति विशेष के लिए रत्न सजेस्ट करते हैं।

🧘 आध्यात्मिक जागरण और वेदिक ज्योतिष

R.H. Soni Guruji के अनुसार, “ज्योतिष आत्मा के स्तर पर काम करता है। यह भविष्य बताता ही नहीं, बल्कि मार्गदर्शन देता है।

वह नियमित रूप से ध्यान, मंत्र जाप, और ऊर्जा उपचार जैसे साधनों को भी उपायों में शामिल करते हैं:

ओम् मंत्र का जाप ग्रहों की शांति

तुलसी की सेवा घर की ऊर्जा शुद्धि

दीपक व गंध राहुकेतु दोष में प्रभावी

 

 

 

 

 

आधुनिक जीवन में वेदिक ज्योतिष की भूमिका

आज नौकरी, विवाह, संतान, विदेश यात्रा, कोर्ट केस, रोग, बिजनेस फेलियर जैसी समस्याओं के समाधान के लिए लोग ज्योतिष की ओर रुख कर रहे हैं।

R.H. Soni Guruji का यूट्यूब चैनल, Instagram और Website पर हर महीने लाखों लोग आकर ‘free kundli reading’, ‘grah shanti upay’, ‘mangal dosh solution’ जैसे विषयों में मार्गदर्शन लेते हैं।

🔥 Friendly FAQs

Q1: वेदिक ज्योतिष क्या है?

A: वेदिक ज्योतिष एक प्राचीन भारतीय शास्त्र है जो ग्रहों की स्थिति के आधार पर जीवन की दिशा बताता है।

Q2: कुंडली मिलान क्यों जरूरी है?

A: विवाह से पहले कुंडली मिलान से वैवाहिक जीवन की सफलता और मानसिक सामंजस्य का अनुमान लगाया जाता है।

Q3: ग्रहों को शांत कैसे किया जा सकता है?

A: मंत्र जाप, दान, रत्न धारण, और विशेष पूजा से ग्रहों का संतुलन किया जा सकता है।

Q4: क्या रत्न से जीवन बदल सकता है?

A: हां, यदि कुंडली अनुसार सही रत्न धारण किया जाए तो यह जीवन में चमत्कारिक बदलाव ला सकता है।

Q5: सबसे भरोसेमंद ज्योतिषाचार्य कौन हैं?

A: R.H. Soni Guruji भारत के प्रतिष्ठित वेदिक एस्ट्रोलॉजर हैं, जिनकी सलाह से हज़ारों जीवन बदल चुके हैं।

📣 निष्कर्ष: विज्ञान, विश्वास और वेदों का संगम

वेदिक ज्योतिष केवल भविष्यवाणी का माध्यम नहीं, बल्कि आत्मिक और जीवनीय मार्गदर्शन का एक दिव्य उपकरण है। R.H. Soni Guruji जैसे अनुभवी ज्योतिषाचार्य जब इस ज्ञान को आत्मा की गहराई से समझाते हैं, तब यह केवल एक शास्त्र नहीं बल्कि एक साधना बन जाता है।

यदि आपने अभी तक अपनी कुंडली नहीं देखी, या जीवन में बार-बार वही समस्याएं दोहराई जा रही हैं — तो आज ही R.H. Soni जी से परामर्श लेकर अपना जीवन बदलने की शुरुआत करें।

 

अपनी कुंडली का फ्री एनालिसिस पाने के लिए विजिट करें: www.astrorhsoni.com
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यूट्यूब पर R.H. Soni Guruji के वीडियो देखें: यहाँ क्लिक करें

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भारत का सबसे पुराना रक्षक – रुद्राक्ष का रहस्य

भूमिका

इतिहास के सबसे कठिन युद्धों में, जब तलवारें टूट गईं और मंत्र भी मौन हो गए तब भी कुछ ऐसा था जो साधु से लेकर सम्राट तक की रक्षा करता रहा:

रुद्राक्ष।

ये कोई साधारण बीज नहीं, ये शिव का साक्षात आशीर्वाद है। यह भारत की आत्मा का रक्षक है कल भी था, आज भी है, और जब तक सनातन है, तब तक रहेगा।

शिव का आंसू एक चमत्कारी उत्पत्ति

कहते हैं, जब भगवान शिव ने संसार का दुख देखा, उनकी आंखों से करुणा के आंसू गिर पड़े। वही आंसू धरती पर गिरकर रुद्राक्ष के रूप में प्रकट हुए।

वो एक बीज नहीं था वो सर्वनाश के समय में भी रक्षा करने वाला कवच था।

भारत की आत्मा में रुद्राक्ष की यात्रा

3000 साल पहले चाणक्य: नंद वंश के विनाश से पहले उन्होंने रुद्राक्ष धारण किया।
महाभारत काल: अर्जुन ने युद्ध से पहले शिव रुद्राक्ष से शक्ति प्राप्त की।
हिमालय की गुफाएँ: योगी, तांत्रिक और ऋषि रुद्राक्ष के बिना साधना अधूरी मानी जाती थी।
आज: एक युवा जिसे चिंता, तनाव और आत्महीनता खा रही थी जब उसने रुद्राक्ष धारण किया, उसे अपनी आत्मा से संवाद का माध्यम मिला।

रुद्राक्ष के पीछे छिपा विज्ञान

रुद्राक्ष में सूक्ष्म विद्युत् प्रवाह को संतुलित करने की क्षमता होती है।

इसके माइक्रो चैनल शरीर की bio-electric current को बैलेंस करते हैं।

यह Aura को मज़बूत करता है, हृदय को स्थिर करता है, और मानसिक अशांति को शांत करता है।

आज के भारत में क्यों ज़रूरी है रुद्राक्ष?

  1. EMF Radiation से रक्षा: मोबाइल, लैपटॉप की तरंगों से बचाव
  2. Mental Overload: चिंता, डिप्रेशन, अनिद्रा से शांति
  3. Emotional Balance: रिश्तों में स्थिरता और आत्मविश्वास
  4. Spiritual Grounding: ध्यान में गहराई, मंत्रों में सिद्धि

रुद्राक्ष भारत का अदृश्य कवच

उद्देश्य उपयुक्त मुखी
ध्यान और मानसिक शांति 5 मुखी
आत्मबल और निर्णय शक्ति 14 मुखी
ग्रह बाधा और रक्षा 10 या 11 मुखी
वाणी और बुद्धि 4 मुखी
संतान सुख और गृह कल्याण 6 मुखी
शनि बाधा निवारण 7 मुखी

इसे पहनना नहीं, धारण करना चाहिए

रुद्राक्ष कोई फैशन नहीं है। यह आपकी आत्मा की ढाल है। ये आपको बाहर से नहीं, भीतर से सुरक्षित करता है।

और इसीलिए:

इसे ऊर्जा जागृत (Energized) करके पहनना चाहिए

शिव मंत्र से सिद्ध किया गया रुद्राक्ष ही प्रभावी होता है

आपकी कुंडली के अनुसार चयन होना चाहिए

गुरुजी कहते हैं:

जब भगवान आपके साथ ना दिखें, तब उनका आशीर्वाद रुद्राक्ष में छिपा होता है। ये पहनिए नहीं, धारण कीजिए जैसे कोई दिव्य कवच।” — आचार्य आर.एच. सोनी जी

संबंधित ब्लॉग्स:

रुद्राक्ष के प्रकार और उनके लाभ

शिवपुराण में रुद्राक्ष का महत्व

रुद्राक्ष और ग्रहों का संबंध

ऊर्जा जागृत रुद्राक्ष कैसे प्राप्त करें?

निष्कर्ष

भारत की आत्मा में हजारों वर्षों से एक मौन रक्षक है जो बिना शोर के, हर काल में, हर व्यक्ति की आत्मा को बचाता आया है।

रुद्राक्ष केवल परंपरा नहीं यह भारत की ऊर्जा, शिव की करुणा और सनातन की रक्षा है।

अभी अपना रुद्राक्ष प्राप्त करें:

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For personalized insights and guidance, consulting with experienced astrologers like R.H Soni Guruji can provide clarity tailored to individual circumstances.

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क्या कुंडली में मांगलिक दोष सच में होता है? — मिथक या वास्तविकता

कुंडली में मांगलिक दोष अंधविश्वास या वास्तविकता?

वैदिक ज्योतिष की दुनिया में कुछ ही ऐसे विषय हैं जिन्होंने मांगलिक दोष जितनी चर्चा और चिंता को जन्म दिया है। विवाहिक जीवन में अशांति और दुर्भाग्य से इसे जोड़ा गया है, और इसने अनगिनत वैवाहिक निर्णयों को प्रभावित किया है। लेकिन क्या वास्तव में मांगलिक दोष किसी अशुभता का संकेत है, या यह सिर्फ एक गलत समझा गया ज्योतिषीय पहलू है? आइए इस विषय की गहराई में उतरें, प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य आर.एच. सोनी गुरुजी और अन्य प्रमाणिक स्रोतों के दृष्टिकोण से।

मांगलिक दोष क्या होता है?

मांगलिक दोष, जिसे कुज दोष भी कहा जाता है, तब बनता है जब जन्म कुंडली में मंगल ग्रह पहले, दूसरे, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में स्थित होता है। मंगल, जो कि अग्नि तत्व और ऊर्जा से भरा ग्रह माना जाता है, इन घरों में आने पर विवाह और संबंधों पर प्रभाव डालता है।

परंपरागत मान्यता के अनुसार, मांगलिक दोष वाले व्यक्ति को विवाह में देरी, विवाद या यहां तक कि तलाक जैसी समस्याएं हो सकती हैं। लेकिन आधुनिक समय में इस धारणा पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

आर.एच. सोनी गुरुजी का दृष्टिकोण

गुरुजी ने अपनी प्रस्तुति मांगलिक होना: एक अभिशाप या वरदान?” (देखें वीडियो) में इस विषय पर एक संतुलित और जागरूक दृष्टिकोण साझा किया:

मांगलिक दोष कोई शाप नहीं है: गुरुजी कहते हैं कि इसे लेकर डर या नकारात्मकता पालना उचित नहीं है।

समग्र कुंडली विश्लेषण की आवश्यकता: वह केवल मांगलिक दोष पर ध्यान देने के बजाय सम्पूर्ण ग्रह स्थितियों और योगों को देखने की सलाह देते हैं।

सकारात्मक ऊर्जा का उपयोग: कुछ परिस्थितियों में मंगल की ऊर्जा दृढ़ता, साहस और सफलता का कारण बन सकती है।

मिथकों का खंडन

मांगलिक दोष को लेकर कई भ्रांतियां फैली हुई हैं:

हर मांगलिक को वैवाहिक समस्या नहीं होती: कई मांगलिक जातक सुखी वैवाहिक जीवन जीते हैं।

दोष का निराकरण संभव है: यदि मंगल अपनी स्वयं की राशि (मेष या वृश्चिक) में हो, या उच्च स्थिति (मकर) में हो, तो दोष का प्रभाव कम हो सकता है।

परंपरागत उपाय: कुंभ विवाह, विशेष पूजन, और अन्य शास्त्रीय उपाय इस दोष को शांत करने के लिए किए जाते हैं। लेकिन इनकी प्रभावशीलता व्यक्ति विशेष, आस्था और विद्वान की सलाह पर निर्भर करती है।

वैज्ञानिक और तर्कशील दृष्टिकोण

आधुनिक ज्योतिषी और शोधकर्ता भी इस पर विचार रख चुके हैं:

सांख्यिकीय विश्लेषण: मांगलिक दोष की परिभाषा के अनुसार काफी बड़ी आबादी इस श्रेणी में आ सकती है। फिर भी सभी पर नकारात्मक असर नहीं पड़ता, जो दर्शाता है कि अन्य कारक भी जिम्मेदार होते हैं।

सामंजस्य पर बल: केवल मांगलिक दोष पर ध्यान देने के बजाय, भावनात्मक, मानसिक और आध्यात्मिक सामंजस्य को प्राथमिकता देना विवाह के लिए अधिक उपयोगी हो सकता है।

निष्कर्ष

जहाँ मांगलिक दोष पारंपरिक रूप से चिंता का विषय रहा है, वहीं आज के समय में आर.एच. सोनी गुरुजी जैसे अनुभवी ज्योतिषियों की सलाह एक अधिक जागरूक, संतुलित और निडर दृष्टिकोण अपनाने की प्रेरणा देती है। कुंडली का समग्र विश्लेषण और मानवीय रिश्तों की जटिलताओं को समझना ही आज के युग की आवश्यकता है।

व्यक्तिगत मार्गदर्शन के लिए, आर.एच. सोनी गुरुजी जैसे अनुभवी ज्योतिषाचार्यों से परामर्श लेना अत्यंत लाभकारी हो सकता है।

व्यक्तिगत मार्गदर्शन के लिए R.H. Soni जी से संपर्क करें।
आपका रत्न, आपका कर्म, और आपकी कुंडली मिलकर तय करती है आपका भाग्य।

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वनस्पति तंत्र क्या है?

शीर्षक: वनस्पति तंत्र: पवित्र पौधे और जड़ीबूटियाँ जो आपकी किस्मत बदल सकती हैं

मेटा विवरण: जानिए प्राचीन वैदिक विज्ञान वनस्पति तंत्र के बारे में कैसे दिव्य पौधे और जड़ीबूटियाँ, ज्योतिष और शास्त्रों के माध्यम से, आपके जीवन की बाधाओं को दूर कर सकती हैं और धन का प्रवाह ला सकती हैं।

भारतीय आध्यात्मिक परंपरा में एक गुप्त खजाना छिपा है: वनस्पति तंत्रपौधों, पत्तों और औषधीय जड़ीबूटियों का ऐसा दिव्य ज्ञान जो केवल शारीरिक नहीं, बल्कि आत्मिक और ग्रहों के स्तर पर जीवन को प्रभावित करता है।

आज की तेज़ जीवनशैली में हम समाधान महंगे उपचारों और जटिल अनुष्ठानों में खोजते हैं, जबकि हमारे वेद और शास्त्र बताते हैं कि सबसे शक्तिशाली उपाय अक्सर प्रकृति में छिपे होते हैं।

शीर्षक: वनस्पति तंत्र: पवित्र पौधे और जड़ीबूटियाँ जो आपकी किस्मत बदल सकती हैं

मेटा विवरण: जानिए प्राचीन वैदिक विज्ञान वनस्पति तंत्र के बारे में कैसे दिव्य पौधे और जड़ीबूटियाँ, ज्योतिष और शास्त्रों के माध्यम से, आपके जीवन की बाधाओं को दूर कर सकती हैं और धन का प्रवाह ला सकती हैं।

भारतीय आध्यात्मिक परंपरा में एक गुप्त खजाना छिपा है: वनस्पति तंत्रपौधों, पत्तों और औषधीय जड़ीबूटियों का ऐसा दिव्य ज्ञान जो केवल शारीरिक नहीं, बल्कि आत्मिक और ग्रहों के स्तर पर जीवन को प्रभावित करता है।

आज की तेज़ जीवनशैली में हम समाधान महंगे उपचारों और जटिल अनुष्ठानों में खोजते हैं, जबकि हमारे वेद और शास्त्र बताते हैं कि सबसे शक्तिशाली उपाय अक्सर प्रकृति में छिपे होते हैं।

 

 

 

5 प्रभावशाली वनस्पति उपाय जो आप घर पर कर सकते हैं:

वीडियो देखें या पढना जारी रखें

https://youtu.be/KiwkI7Aiv4w?si=AglSl25i2eTvZB-h

https://youtu.be/X68l50biEZY?si=CHmVHX_3fouv849w

 

1. लौंग + नमक का उपाय (नज़र उतारने के लिए)

4 लौंग और चुटकीभर सेंधा नमक को तांबे की कटोरी में घर के मुख्य द्वार के पास रखें। हर शनिवार को बदलें।

2. हल्दी धन के प्रवाह के लिए

कच्ची हल्दी को पीले कपड़े में बांधकर तिजोरी या बटुए में रखें। यह गुरु ग्रह की ऊर्जा को सक्रिय करता है।

3. नीम से रक्षा और शुद्धि

अमावस्या पर सूखे नीम के पत्तों को कपूर के साथ जलाएं। राहुकेतु दोष से बचाव होता है।

4. तुलसी मानसिक शांति के लिए

घर के उत्तरपूर्व दिशा में तुलसी का पौधा रखें। प्रतिदिन जल दें और ॐ नमो भगवते वासुदेवायका जाप करें।

5. तेजपत्ता (Bay Leaf) से संकल्प सिद्धि

लाल पेन से अपनी इच्छा तेजपत्ते पर लिखें। गुरुवार को इसे जलाएं और ॐ बृं बृहस्पतये नमःका जाप करें।

जीवन बदलने वाली एक सच्ची कथा:

एक व्यापारी, जो उज्जैन से गुरुजी से परामर्श लेने आया, लंबे समय से भुगतान में देरी और आर्थिक संकट से जूझ रहा था। गुरुजी ने उसकी कुंडली में बुध और शनि की अशुभ स्थिति पहचानी। उपाय स्वरूप, उसे भृंगराज पाउडर एक काले कपड़े में बाँधकर अपने ऑफिस डेस्क के नीचे रखने को कहा गया और साथ ही तुलसी पूजन। 21 दिनों में ही बदलाव दिखने लगे।

 

 

 

संकल्प के साथ प्रयोग करें

सिर्फ पत्ते रखने से परिवर्तन नहीं होगा।
परंतु यदि आप:

शुभ दिन (पूर्णिमा, अमावस्या या ग्रहों के दिन) पर करें

मंत्र के साथ करें

सच्चे मन से संकल्प लें

तो वही साधारण पत्ता आपके भाग्य को मोड़ सकता है।

वैदिक रहस्य: ऊर्जा, इरादा और प्रकृति का मिलन

वनस्पति तंत्र एक ऊर्जा ट्यूनरकी तरह काम करता है
जब आप अपने विचार, कर्म और ग्रहों को एकसाथ संरेखित करते हैं।

गुरुजी कहते हैं:

जो यंत्र ताम्र से न बने, वह पत्ता भी हो सकता है अगर उसमें श्रद्धा हो।

अंतिम विचार:

यदि आप धन, सुख और मानसिक शांति चाहते हैं, तो प्रकृति की ओर लौटिए।
वनस्पति तंत्र न केवल आयुर्वेद का हिस्सा है, बल्कि आत्मा को शुद्ध करने का माध्यम भी है।

आज ही एक उपाय अपनाएं। तुलसी जल दें, हल्दी रखें, या बस एक मंत्र बोलें।
आपके भीतर का ब्रह्मांड जवाब देगा।

 

 

क्या आप अपनी कुंडली के अनुसार विशेष वनस्पति उपाय जानना चाहते हैं?
आज ही RH Soni जी से परामर्श बुक करें और जानें कौन सी दिव्य वनस्पति आपके ग्रहों को बल प्रदान कर सकती है।

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