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क्या कुंडली में मांगलिक दोष सच में होता है? — मिथक या वास्तविकता

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क्या कुंडली में मांगलिक दोष सच में होता है? — मिथक या वास्तविकता

कुंडली में मांगलिक दोष अंधविश्वास या वास्तविकता?

वैदिक ज्योतिष की दुनिया में कुछ ही ऐसे विषय हैं जिन्होंने मांगलिक दोष जितनी चर्चा और चिंता को जन्म दिया है। विवाहिक जीवन में अशांति और दुर्भाग्य से इसे जोड़ा गया है, और इसने अनगिनत वैवाहिक निर्णयों को प्रभावित किया है। लेकिन क्या वास्तव में मांगलिक दोष किसी अशुभता का संकेत है, या यह सिर्फ एक गलत समझा गया ज्योतिषीय पहलू है? आइए इस विषय की गहराई में उतरें, प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य आर.एच. सोनी गुरुजी और अन्य प्रमाणिक स्रोतों के दृष्टिकोण से।

मांगलिक दोष क्या होता है?

मांगलिक दोष, जिसे कुज दोष भी कहा जाता है, तब बनता है जब जन्म कुंडली में मंगल ग्रह पहले, दूसरे, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में स्थित होता है। मंगल, जो कि अग्नि तत्व और ऊर्जा से भरा ग्रह माना जाता है, इन घरों में आने पर विवाह और संबंधों पर प्रभाव डालता है।

परंपरागत मान्यता के अनुसार, मांगलिक दोष वाले व्यक्ति को विवाह में देरी, विवाद या यहां तक कि तलाक जैसी समस्याएं हो सकती हैं। लेकिन आधुनिक समय में इस धारणा पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

आर.एच. सोनी गुरुजी का दृष्टिकोण

गुरुजी ने अपनी प्रस्तुति मांगलिक होना: एक अभिशाप या वरदान?” (देखें वीडियो) में इस विषय पर एक संतुलित और जागरूक दृष्टिकोण साझा किया:

मांगलिक दोष कोई शाप नहीं है: गुरुजी कहते हैं कि इसे लेकर डर या नकारात्मकता पालना उचित नहीं है।

समग्र कुंडली विश्लेषण की आवश्यकता: वह केवल मांगलिक दोष पर ध्यान देने के बजाय सम्पूर्ण ग्रह स्थितियों और योगों को देखने की सलाह देते हैं।

सकारात्मक ऊर्जा का उपयोग: कुछ परिस्थितियों में मंगल की ऊर्जा दृढ़ता, साहस और सफलता का कारण बन सकती है।

मिथकों का खंडन

मांगलिक दोष को लेकर कई भ्रांतियां फैली हुई हैं:

हर मांगलिक को वैवाहिक समस्या नहीं होती: कई मांगलिक जातक सुखी वैवाहिक जीवन जीते हैं।

दोष का निराकरण संभव है: यदि मंगल अपनी स्वयं की राशि (मेष या वृश्चिक) में हो, या उच्च स्थिति (मकर) में हो, तो दोष का प्रभाव कम हो सकता है।

परंपरागत उपाय: कुंभ विवाह, विशेष पूजन, और अन्य शास्त्रीय उपाय इस दोष को शांत करने के लिए किए जाते हैं। लेकिन इनकी प्रभावशीलता व्यक्ति विशेष, आस्था और विद्वान की सलाह पर निर्भर करती है।

वैज्ञानिक और तर्कशील दृष्टिकोण

आधुनिक ज्योतिषी और शोधकर्ता भी इस पर विचार रख चुके हैं:

सांख्यिकीय विश्लेषण: मांगलिक दोष की परिभाषा के अनुसार काफी बड़ी आबादी इस श्रेणी में आ सकती है। फिर भी सभी पर नकारात्मक असर नहीं पड़ता, जो दर्शाता है कि अन्य कारक भी जिम्मेदार होते हैं।

सामंजस्य पर बल: केवल मांगलिक दोष पर ध्यान देने के बजाय, भावनात्मक, मानसिक और आध्यात्मिक सामंजस्य को प्राथमिकता देना विवाह के लिए अधिक उपयोगी हो सकता है।

निष्कर्ष

जहाँ मांगलिक दोष पारंपरिक रूप से चिंता का विषय रहा है, वहीं आज के समय में आर.एच. सोनी गुरुजी जैसे अनुभवी ज्योतिषियों की सलाह एक अधिक जागरूक, संतुलित और निडर दृष्टिकोण अपनाने की प्रेरणा देती है। कुंडली का समग्र विश्लेषण और मानवीय रिश्तों की जटिलताओं को समझना ही आज के युग की आवश्यकता है।

व्यक्तिगत मार्गदर्शन के लिए, आर.एच. सोनी गुरुजी जैसे अनुभवी ज्योतिषाचार्यों से परामर्श लेना अत्यंत लाभकारी हो सकता है।

व्यक्तिगत मार्गदर्शन के लिए R.H. Soni जी से संपर्क करें।
आपका रत्न, आपका कर्म, और आपकी कुंडली मिलकर तय करती है आपका भाग्य।

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